लेखनी कहानी -12-May-2022 डायरी : मई 2022 : ऑथर ऑफ द ईयर अवार्ड
यासीन मलिक को सजा और मातम लिबरल्स और पाकिस्तान में
सखि,
आज का दिन झुलसती गर्मी में शीतलता लेकर आया है । एक दुर्दांत आतंकवादी जिसने पता नहीं कितने हिन्दुओं का नरसंहार किया है और न जाने कितनी बहन बेटियों के साथ दुष्कर्म किया है , उसे टेरर फंडिंग मामले में एक कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है । हालांकि इस आतंकी के गुनाह ऐसे हैं कि यदि इसे कई बार भी फांसी की सजा दी जाये तो भी कम है । पर शायद अभी पूरा इंसाफ होने में समय और लगेगा । लेकिन अब थोड़ी उम्मीद बंध गई है कि इंसाफ तो होकर रहेगा । जब 34 साल बाद नवजात सिंह सिद्धू को सजा मिल सकती है तो यासीन मलिक जैसे दुर्दांत आतंकी को क्यों नहीं ?
इधर कोर्ट ने जैसे ही इस आतंकी को फांसी की सजा सुनाई, उधर भारत में बैठे गद्दार लिबरल्स सदमे में आ गये । जैसे कि कोर्ट ने उनके प्रिय दामाद को सजा सुनाई हो । एकदम सकते में हैं वे सभी । अभी समझ ही नहीं पा रहे हैं कि अभी रोना है या आगे जब नरसंहार के केस में फांसी की सजा मिलेगी तब रोना है । इसलिए वे लोग अपने पाकिस्तानी आकाओं से मार्गदर्शन ले रहे हैं । जैसे ही वहां से टूल किट आयेगा वैसे ही यह लिबरल्स यहां पर नौटंकी करेंगे ।
ताज्जुब तो यह होता है कि इस देश का एक तथाकथित सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री जिसे रेनकोट पहन कर नहाने की आदत थी , अब क्या करेगा ? वह तो इस आतंकी से ऐसे हाथ मिलाता था जैसे कि वो इसका ..... हो । खाली स्थान को पाठक अपनी सुविधानुसार भर सकते हैं । क्या उस पूर्व प्रधानमंत्री में थोड़ी सी भी शर्म बची है ? और क्या उस समय के सुपर प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे ? नहीं । क्योंकि जो लोग वर्तमान प्रधानमंत्री को हटाने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगते हों , चीन से गुपचुप समझौता करते हों , चीनी राजदूतों से चोरी चोरी रात में मिलते हों , उनसे कोई उम्मीद की जा सकती है क्या ?
आज पाकिस्तान में मातम पसरा हुआ है । उनका दामाद जेल में सड़ने वाला है । शायद बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं होगा कि यासीन मलिक की बीवी पाकिस्तानी है । तो यह पाकिस्तान का दामाद हुआ कि नहीं ?
पाकिस्तान के वर्तमान और भूतपूर्व प्रधानमंत्री दोनों ही जार जार रो रहे हैं । भारत में बैठे पाकिस्तानी लोग जैसे महबूबा मुफ्ती और बाकी लोगों को आप सब जानते ही हैं , भी बड़े दुखी हैं । अगर आपको पता नहीं हो तो मैं बता दूं कि यह यासीन मलिक वही है जिसने सन 1991 में भारत के गृह मंत्री की बेटी का अपहरण किया था और बदले में 5 खूंखार आतंकवादियों को छोड़ दिया गया था । आपको यह जानकर और भी आश्चर्य होगा कि जिसका अपहरण हुआ था वह महबूबा मुफ्ती की छोटी बहन थी, गृह मंत्री महबूबा का पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और अपहरण करने वाला था यासीन मलिक । आज इसे उम्रकैद की सजा होने पर महबूबा को खुश होना चाहिए था । मगर वह तो गमों के सागर में डूबी हुई है और सबको कोस रही है । इससे सब लोगों को समझ जाना चाहिए कि यासीन मलिक और महबूबा मुफ्ती एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं । 1991 का वह अपहरण फर्जी था । 5 खूंखार आतंकवादियों को छुड़ाने के लिए वह फर्जी अपहरण करना पड़ा और जनता को मूर्ख बनाकर सरेआम आतंकवादियों को छोड़ दिया गया । यह इस देश में ही संभव है सखि । पर , कर्मफल तो भोगने ही पड़ेंगे । आज नहीं तो कल ।
आगे आगे देखती जाओ , होता है क्या ? अभी तो शुरुआत है ।
हरिशंकर गोयल "हरि"
25.5.22
Shnaya
28-May-2022 04:58 PM
बेहतरीन
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Chirag chirag
27-May-2022 05:53 PM
Nice
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Pallavi
26-May-2022 09:35 PM
Nice
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